Selfie : एक वैज्ञानिक, एक बंदर और अब आप वाली सेल्फी

 


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क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली सेल्फी (Selfie) किसने ली थी? और जब एक बंदर ने खुद की फोटो खींच ली तो वो तस्वीर कोर्ट तक क्यों पहुंची? जानिए Selfie के इतिहास, चिम्पैंजी के मुकदमे और सेल्फी शब्द की शुरुआत की पूरी कहानी, सरल और रोचक भाषा में।

आज हम सभी के पास एक ऐसा कैमरा है जो हर जेब में समा जाता है। शादी-ब्याह का कोई फंक्शन हो या जन्मदिन, बिना सेल्फी (Selfie) के जैसे कोई दिन पूरा ही नहीं होता। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सेल्फी की शुरुआत (origin of selfie) कहां से हुई? पहली सेल्फी किसने ली (first selfie in the world)? और क्या आपने उस किस्से के बारे में सुना है जब एक बंदर ने खुद की फोटो खींच ली और वो तस्वीर कोर्ट तक पहुंच गई?

सेल्फी का इतिहास (History of Selfie) बहुत पुराना है, और इसकी पहली झलक हमें 1839 में मिलती है। तब न तो मोबाइल थे, न कैमरा ऐप्स और न ही ट्रिपॉड। लेकिन अमेरिका के फिलाडेल्फिया शहर में एक वैज्ञानिक और फोटोग्राफर रॉबर्ट कॉर्नेलियस (Robert Cornelius) ने कैमरे के सामने खड़े होकर अपनी खुद की तस्वीर ली। 

कैमरे का लेंस ओपन किया, दौड़कर फ्रेम में आए और एक लंबा एक्सपोजर लेकर पहली बार एक इंसान ने खुद को कैमरे में कैद किया। यही मानी जाती है दुनिया की पहली सेल्फी (world’s first selfie) - जिसमें न कोई फिल्टर था, न स्माइल, लेकिन एक नई तकनीक की मुस्कुराहट जरूर झलकती थी।

ऑस्ट्रेलिया से आया Selfie शब्द

'सेल्फी' शब्द की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। साल 2002 में ऑस्ट्रेलिया के एक ऑनलाइन फोरम पर एक लड़के ने शराब पीकर गिरने के बाद अपनी तस्वीर शेयर की और कैप्शन में लिखा, 'Sorry for the focus, it was a selfie.' 

बस, यहीं से Selfie शब्द का बीज बोया गया। 2013 में Oxford Dictionary ने इसे ‘Word of the Year’ घोषित कर दिया। आज 'Selfie' हमारे जीवन का हिस्सा है, पर इसकी शुरुआत इतने अनौपचारिक और मासूम अंदाज में हुई थी।

जब सुर्खियां बनी बंदर की सेल्फी

अब आते हैं उस किस्से पर, जिसने इंटरनेट की दुनिया में copyright law और animal rights के बीच की सीमा को धुंधला कर दिया। साल 2011 में एक ब्रिटिश फोटोग्राफर डेविड स्लेटर (David Slater) इंडोनेशिया के एक जंगल में वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी कर रहे थे। 

उन्होंने कैमरा इस तरह ट्राइपॉड पर लगाया कि वहां के जिज्ञासु चिम्पैंजी 'नरूटो' (Naruto the Chimpanzee) ने कैमरे के बटन से खेलते हुए खुद की एक शानदार तस्वीर खींच ली। यह फोटो इतनी परफेक्ट थी कि वह वायरल हो गई - मुस्कुराते हुए बंदर की एकदम सजीव सेल्फी (Selfie)।

लेकिन, असली कहानी तब शुरू हुई जब इस तस्वीर को लेकर PETA (People for the Ethical Treatment of Animals) ने अमेरिका में मुकदमा दायर कर दिया। 

उनका तर्क था कि चूंकि नरूटो ने खुद बटन दबाकर तस्वीर ली है, इसलिए कॉपीराइट (copyright) का अधिकार भी उसी का होना चाहिए, न कि उस इंसान का जिसने कैमरा सेट किया। यह मुकदमा 2015 में दायर हुआ और इसका नाम था 'Naruto v. Slater'। 

कोर्ट का फैसला 2016 में आया और उसने कहा कि जानवरों को कॉपीराइट का अधिकार नहीं मिल सकता, क्योंकि अमेरिकी कानून केवल इंसानों और कानूनी संस्थाओं को यह अधिकार देता है। हां, एक आपसी समझौते के तहत David Slater ने इस तस्वीर की कमाई का कुछ हिस्सा वाइल्डलाइफ संरक्षण के लिए देने की सहमति जरूर जताई।

सेल्फी (Selfie) से जुड़े और भी कई दिलचस्प पहलू हैं। आज हर दिन दुनिया भर में 90 मिलियन से ज्यादा selfies (selfies taken daily worldwide) ली जाती हैं। भारत इस मामले में सबसे आगे है। वैज्ञानिकों ने सेल्फी की लत को 'Selfitis' नाम तक दे दिया है। और तो और, NASA के अंतरिक्ष यात्री भी space selfies खींचते हैं - जिसमें वो शून्य में तैरते हुए खुद की फोटो लेते हैं।

तो अगली बार जब आप कैमरा ऑन करें और अपने चेहरे पर मुस्कान बिखेरें, तो सोचिएगा जरूर कि आपकी सेल्फी का यह एक क्लिक सदी भर पुरानी उस परंपरा का हिस्सा है, जिसमें Robert Cornelius, Naruto और अब आप भी शामिल हैं।

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