FATF : आतंकवाद पर अब और झूठ नहीं बोल पाएगा पाकिस्तान

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आतंकवाद को मिलने वाली फंडिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था FATF (Financial Action Task Force) की एक नई रिपोर्ट ने दुनिया को चौंका दिया है। इस रिपोर्ट में पहली बार साफ कहा गया है कि राज्य यानी सरकारें भी आतंकवाद (Terrorism) की फंडिंग कर रही हैं। सीधे शब्दों में कहें तो अब सिर्फ आतंकी संगठन ही नहीं, बल्कि कुछ सरकारें भी उन्हें पैसा, हथियार, ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी दे रही हैं।

इस रिपोर्ट के बाद भारत की पुरानी बातों को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता मिली है। पाकिस्तान (Pakistan) पर भारत लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि वह आतंकियों को पनाह देता है और उनकी मदद करता है। अब FATF की रिपोर्ट ने इस बात को सही ठहराया है, भले ही पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया हो।

कैसे होती है आतंक की फंडिंग?

रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकी संगठन जैसे Lashkar-e-Taiba (LeT) और Jaish-e-Mohammed (JeM) पैसा जुटाने के लिए फर्जी एनजीओ का इस्तेमाल करते हैं। ये एनजीओ चैरिटी के नाम पर लोगों से पैसा लेते हैं और उसे आतंकी हमलों में खर्च कर देते हैं।

इसके अलावा, ऑनलाइन गेम्स, ई-कॉमर्स (E-commerce) वेबसाइटें और डिजिटल पेमेंट ऐप्स जैसे PayPal का भी इस्तेमाल फंडिंग के लिए किया जा रहा है।

पुलवामा हमला और E-commerce का इस्तेमाल

2019 के पुलवामा हमले में जो बम (IED) इस्तेमाल हुआ, उसमें जरूरी सामान जैसे aluminium powder, एक बड़ी E-commerce वेबसाइट से मंगवाया गया था। इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। जांच में पता चला कि इसका पूरा प्लान पाकिस्तान में बनाया गया था और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए सामान भारत लाया गया।

गोरखनाथ (Gorakhnath) मंदिर हमला और PayPal फंडिंग

FATF की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में यूपी के गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी ने PayPal के ज़रिए ₹6.7 लाख से ज्यादा की रकम विदेश भेजी। यह पैसा ISIS जैसे आतंकी संगठनों तक पहुंचा। उसने VPN का इस्तेमाल कर अपनी पहचान भी छुपाई।

ऑनलाइन गेम्स और आतंक का नया तरीका

FATF की रिपोर्ट में बताया गया है कि कई आतंकी संगठन अब ऑनलाइन गेम्स के जरिए भी पैसे जुटाते हैं। गेम के अंदर जो डिजिटल सामान बिकते हैं, उनके माध्यम से छोटे-छोटे लेनदेन करके बड़ी रकम इकट्ठा की जाती है। गेम की इन-गेम चैट्स से आतंकी नये लोगों को जोड़ते भी हैं और हमले की प्लानिंग भी करते हैं।

AI तकनीक और नया खतरा

अब खतरा AI (Artificial Intelligence) से भी जुड़ गया है। भारत की संस्था Digital India Foundation ने दुनिया को चेतावनी दी है कि पाकिस्तान (Pakistan) की AI प्रयोगशालाएं आतंकियों की मदद कर सकती हैं। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ड्रोन हमले, साइबर अटैक और बॉर्डर पार ऑपरेशन के लिए हो सकता है। इसलिए उसे AI नेटवर्क (AIANET) में शामिल न किया जाए।

क्या फिर से ग्रे लिस्ट में आएगा पाकिस्तान?

पाकिस्तान पहले भी कई बार FATF की ग्रे लिस्ट में रह चुका है, जिसका मतलब है कि वह देश आतंकियों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा। अब भारत ने फिर से पाकिस्तान को इस लिस्ट में डालने की मांग की है।

FATF की यह रिपोर्ट भारत के लिए कूटनीतिक जीत है। अब यह पूरी दुनिया के सामने साफ है कि आतंकवाद केवल बंदूक या बम से नहीं, बल्कि डिजिटल फंडिंग, गेम्स और टेक्नोलॉजी से भी फैलाया जा रहा है और इसके पीछे कुछ सरकारों का भी हाथ है।

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