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Showing posts from October, 2025

असली आयरन मैन, जिसने अपने जिस्म को लोहे से भर लिया

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  यह कोई हॉलीवुड कहानी नहीं, इसमें कोई काल्पनिक हीरो नहीं। यह कहानी है एक मजदूर की, जिसे लोग असली आयरन मैन (Real life Iron Man Elias Core) मानते हैं। uplive24.com पर जानिए इस रहस्यमयी और डरावनी कहानी का पूरा सच। 1982 में हुई एक घटना ने दुनिया को एक ऐसी कहानी दी, जो सुपरहीरो फिल्मों से कहीं ज्यादा डरावनी और सच्ची थी। यह कहानी थी एलियस कोर (Elias Core) की, 54 साल का एक साधारण मजदूर, जिसे लोग आज भी रियल लाइफ आयरन मैन (Real life Iron Man Elias Core) कहकर याद करते हैं।  वह कोई काल्पनिक हीरो या आविष्कारक नहीं था। वह बस एक इंसान था, जिसने खुद को धातु के कवच में बदल लिया। लेकिन यह कवच उसे उड़ान नहीं दे सका, बल्कि यही उसकी मौत का कारण बना। आइए जानें इस अनसुलझी घटना की पूरी कहानी, जिसने आज भी वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और साजिश थ्योरी प्रेमियों को हैरान किया हुआ है। Stanford prison experiment : दुनिया का सबसे खतरनाक प्रयोग जिसने यूनिवर्सिटी को जेल बना दिया धातुओं से खेलने वाला इंसान एलियस कोर का जन्म 1928 में अमेरिका के एक छोटे औद्योगिक शहर में हुआ। वह एक धातु रिसाइक्लिंग प्लांट में नाइट शिफ...

दो मिनट में यात्रा पूरी, यह मैगी नहीं फ्लाइट है

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  आप विमान में बैठें और सीट बेल्ट बांधने के पहले की मंजिल आ जाए! अचरज मत कीजिए, यह है दुनिया की सबसे छोटी उड़ान। uplive24.com पर जानिए इस उड़ान का किस्सा। दुनिया में कई लंबी और रोमांचक फ्लाइट्स हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ उड़ानें सिर्फ कुछ मिनटों की भी हो सकती हैं (Shortest flight)? स्कॉटलैंड के ऑरकनी द्वीपसमूह में यह सच है। Westray और Papa Westray नामक दो छोटे द्वीपों के बीच चलने वाली फ्लाइट दुनिया की सबसे छोटी नियमित उड़ान मानी जाती है। इतनी छोटी उड़ान क्यों? (Shortest flight) Westray और Papa Westray के बीच की दूरी लगभग 2.7 किलोमीटर है। हवाई मार्ग पर यह यात्रा औसतन 90 सेकंड से 2 मिनट में पूरी हो जाती है। इतने छोटे दूरी के लिए अक्सर लोग हैरान हो जाते हैं कि पुल या फेरी क्यों नहीं है? इसका कारण यह है कि दोनों द्वीपों के बीच का पानी और मौसम कभी-कभी इतना मुश्किल हो जाता है कि नियमित फेरी सेवा स्थिर नहीं रह सकती। इसके अलावा, पब्लिक एयरलाइंस की यह उड़ान स्थानीय लोगों और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। Tree of Tenere : कहानी रेगिस्तान के आखिरी साथी की द्वीप...

साहूकार की बेटी से करवा चौथ पर हुई थी कैसी भूल?

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  करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे पवित्र पर्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। uplive24.com पर जानिए करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi) और करवा धोबिन की पौराणिक कहानी । Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi : करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सुबह स्नानादि नित्य कर्म करके व्रत का संकल्प लेती हैं और ईश्वर से अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को शुभ मुहूर्त में करवा चौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi) के अनुसार करवा माता, भगवान शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। इसके बाद व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi) सुनती हैं, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी व्रत बिना कथा के अधूरा माना जाता है। Karwa Chauth : इस करवा चौथ बन रहा चंद्र-सूरज का दुर्लभ संयोग यहां पढ़िए करवा चौथ की प्रमुख पौराणिक कथाएं (Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi) एक साहूका...

बद्रीनाथ के कपाट बंद करते समय क्यों स्त्री वेश धारण करते हैं रावल?

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बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद (Badrinath Temple kapat bandh) होने की परंपरा धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। रावल द्वारा स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी के चल विग्रह की स्थापना, उद्धव और कुबेर का पांडुकेश्वर प्रस्थान जैसी अनोखी परंपराएं इसे और भी विशेष बनाती हैं। uplive24.com पर अनोखी परंपरा जानिए। डॉ. बृजेश सती उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ मंदिर धार्मिक श्रद्धा और परंपरा का अद्भुत उदाहरण है। हर वर्ष विजयदशमी (Vijayadashami) के दिन मंदिर के कपाट बंद करने की तिथि तय (Badrinath Temple kapat bandh) होती है और शीतकाल के दौरान यह अनोखी परंपरा निभाई जाती है। इस साल 2025 में बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 25 नवंबर को बंद किए जाएंगे। इस परंपरा के तहत मंदिर परिसर में वैदिक पंचांग और ग्रह गोचर देखकर मुख्य पुजारी अमरनाथ नंबूदरी द्वारा कपाट बंद होने की तिथि घोषित की गई।  कपाट बंद (Badrinath Temple kapat bandh) होने की प्रक्रिया 5 दिन पहले शुरू होती है। कपाट बंद होने के अगले दिन यानी 26 नवंबर को उद्धव और कुबेर के चल विग्रह शीतकालीन पूजा स्थल पांडुकेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य की गद...