Alien : क्या किसी और दुनिया में जिंदगी सांस ले रही है?
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क्या एलियन (Alien) होते हैं? इस सवाल का जवाब इंसान लंबे वक्त से तलाश रहा है। अब उसे कुछ संकेत मिले हैं।
124 प्रकाश वर्ष दूर एक अनजानी-सी दुनिया है - K2-18 b। यह ग्रह, जो सिंह (Leo) तारामंडल में स्थित है, अचानक वैज्ञानिक दुनिया की धड़कनों को तेज़ कर गया है। और वजह है जीवन के संकेत (Alien Life Evidence)।
नहीं, कोई हरा-भरा एलियन (Alien) हाथ हिलाते हुए तस्वीर में नहीं आया है, लेकिन James Webb Space Telescope ने वहां कुछ ऐसा देखा है, जिसे धरती पर अब तक सिर्फ जिंदा जीव ही बनाते हैं।
एक वैज्ञानिक खोज नहीं, शायद एक ऐतिहासिक मोड़
ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री प्रो. निक्कु मधुसूदन और उनकी टीम ने दावा किया है कि K2-18 b की वायुमंडलीय जांच में दो अहम रसायन मिले हैं - Dimethyl Sulfide (DMS) और Dimethyl Disulfide (DMDS)।
ये दोनों ऐसे तत्व हैं जो पृथ्वी पर आज तक सिर्फ समुद्री सूक्ष्म जीवों, खासकर फाइटोप्लैंकटन, द्वारा ही बनाए जाते हैं। यानी, अगर यह खोज सही है, तो यह ब्रह्मांड में जीवन की मौजूदगी का अब तक का सबसे ठोस सबूत हो सकता है।
मगर क्या वाकई यह एलियनों (Alien) का संकेत है?
यह सवाल जितना रोमांचक है, उतना ही पेचीदा भी। प्रो. मधुसूदन खुद कहते हैं,
'हमें बेहद सतर्क रहना होगा। ये संकेत वाकई हैं भी या नहीं, और अगर हैं तो उनका मतलब क्या है - यह तय करना आसान नहीं।'
वैज्ञानिक भाषा में कहें तो ये नतीजे तीन-सिग्मा स्तर के भरोसेमंद हैं। यानी 99.7% संभावना है कि यह संयोग नहीं है। लेकिन, भौतिकी में किसी खोज को अंतिम प्रमाण के रूप में मानने के लिए आमतौर पर पांच-सिग्मा स्तर की आवश्यकता होती है।
कितना बड़ा है K2-18 b
यह ग्रह हमारी पृथ्वी से लगभग 9 गुना भारी और 2.6 गुना बड़ा है। यह एक लाल बौने तारे (Red Dwarf Star) के 'हैबिटेबल जोन' में चक्कर लगाता है, यानी ऐसी दूरी पर जहां पानी तरल रूप में मौजूद हो सकता है।
2019 में हबल टेलीस्कोप ने इसके वातावरण में पानी की मौजूदगी का संकेत दिया था। लेकिन आगे चलकर यह संकेत दरअसल मीथेन निकला। बावजूद इसके, वैज्ञानिकों ने इसे 'सबसे रहने योग्य ज्ञात ग्रह' करार दिया था।
DMS और DMDS की मौजूदगी, अगर पुष्ट हो जाती है, तो ये बायोसिग्नेचर (biosignature) कहलाएंगे। ऐसे रासायनिक संकेत जो जीवन की ओर इशारा करते हैं। लेकिन इनकी मौजूदगी सिर्फ जीवन से ही हो, ये जरूरी नहीं।
कुछ वैज्ञानिकों का तर्क है कि DMS जैसे अणु किसी धूमकेतु (comet) से भी आ सकते हैं या फिर किसी अजीबो-गरीब ज्वालामुखीय प्रक्रिया से। या शायद ऐसी रासायनिक प्रतिक्रियाओं से, जिनका हमें अभी ज्ञान ही नहीं।
लेकिन फिर भी, रोमांच बना हुआ है...
हालांकि अभी तक कोई अंतिम घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह खोज एक नई उम्मीद जगा रही है।
K2-18 b अब मात्र एक ग्रह नहीं रहा, बल्कि वह एक प्रश्न बन गया है, क्या हम अकेले हैं? या एलियन (Alien) हमारे बीच मौजूद हैं?
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि जीवन का पक्का सबूत तब मिलेगा जब हमें कोई technosignature, जैसे किसी सभ्यता का भेजा हुआ संदेश मिलेगा। लेकिन ऐसी घटनाएं बहुत दुर्लभ हैं।
वैज्ञानिक अभी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन जो दरवाजा K2-18 b ने खोला है, वह कल्पना से भी परे है।
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