Rath Yatra : सुखोई के टायरों पर चलेगा भगवान का रथ

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इस साल इस्कॉन कोलकाता की रथयात्रा (ISKCON Kolkata Rath Yatra) में भगवान जगन्नाथ का रथ सुखोई फाइटर जेट के टायरों पर चलेगा। जानिए कैसे दो दशक की खोज के बाद रथ को मिले ये नए हाईटेक टायर, और क्यों ये भक्तों की यात्रा को बनाएंगे और भी खास।

कोलकाता में इस्कॉन रथयात्रा (ISKCON Kolkata Rath Yatra) इस बार कुछ खास अंदाज में निकलेगी। भगवान जगन्नाथ का रथ भले ही 1.4 किमी प्रति घंटे की धीमी गति से चलेगा, लेकिन इसके नीचे लगे टायर किसी सुपरसोनिक ताकत से कम नहीं होंगे। जी हां, इस बार रथ को रूस के मशहूर सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट के टायरों पर खींचा जाएगा।

रनवे पर इस फाइटर प्लेन की रफ्तार करीब 280 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि हवा में यह 2200 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा की गति से उड़ सकता है। 

बोइंग 747 से सुखोई टायरों तक का सफर

पिछले 48 सालों से कोलकाता की इस्कॉन रथयात्रा (ISKCON Kolkata Rath Yatra) में भगवान जगन्नाथ का रथ बोइंग 747 जंबो जेट के टायरों पर चलता रहा है। लेकिन जब बोइंग 747 को वैश्विक स्तर पर सेवा से हटा दिया गया, तो इन टायरों की उपलब्धता भी खत्म हो गई। इसके बाद इस्कॉन को नए टायरों की तलाश में करीब दो दशक लग गए। 

आखिरकार, भारतीय वायुसेना के सुखोई Su-30MKI के 4 फीट व्यास और 110 किलोग्राम वजन वाले टायर रथ के लिए उपयुक्त पाए गए। इन टायरों की आकृति पुराने बोइंग टायरों से मिलती-जुलती है, जिससे इन्हें रथ में फिट करना संभव हुआ।

MRF ने बनाए Rath Yatra के लिए खास टायर

इन सुपरसोनिक टायरों की आपूर्ति भारत की प्रसिद्ध टायर कंपनी MRF कर रही है, जो भारतीय वायुसेना को सुखोई के मुख्य और नोज व्हील टायर सप्लाई करती है। जब इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने MRF से संपर्क किया, तो कंपनी को पहले विश्वास ही नहीं हुआ कि यह अनुरोध एक धार्मिक रथ के लिए है। लेकिन जब MRF के वरिष्ठ अधिकारी कोलकाता पहुंचे और उन्होंने रथ पर बोइंग टायरों का उपयोग देखा, तो वे इस अनोखे प्रोजेक्ट के लिए तैयार हो गए।

रथ की पारंपरिक संरचना बरकरार

सुखोई टायरों को रथ में फिट करने के लिए व्हील ड्रम, बेस फ्रेम और एक्सल फिटिंग में कुछ तकनीकी बदलाव किए गए हैं। हालांकि, रथ की पारंपरिक लकड़ी और लोहे की ऊपरी संरचना को पूरी तरह से संरक्षित रखा गया है। भगवान बलराम (बलदेव) के रथ को पहले ही लोहे के नए पहियों से सुसज्जित किया जा चुका है।

भक्तों के लिए रथ खींचना होगा आसान

कोलकाता की सड़कों पर ट्राम ट्रैक जैसी बाधाएं रथयात्रा (ISKCON Kolkata Rath Yatra) के दौरान चुनौती बन सकती हैं। लेकिन सुखोई टायरों के उपयोग से रथ को बेहतर स्थिरता मिलेगी, जिससे भक्तों के लिए रथ खींचना आसान हो जाएगा। साथ ही, इन टायरों के कारण रथ में तकनीकी खराबी की संभावना भी काफी कम होगी।

कब शुरू होगी ISKCON Kolkata Rath Yatra?

इस साल कोलकाता इस्कॉन रथयात्रा (ISKCON Kolkata Rath Yatra) 27 जून से शुरू होगी। इससे पहले जून के दूसरे सप्ताह तक रथ में सुखोई टायरों की फिटिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। यह नया बदलाव न केवल रथयात्रा को और भव्य बनाएगा, बल्कि भक्तों के लिए भी एक अनूठा अनुभव लेकर आएगा।

क्यों खास है कोलकाता की रथयात्रा?

कोलकाता की इस्कॉन रथयात्रा (ISKCON Kolkata Rath Yatra) न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और तकनीकी दृष्टिकोण से भी अनोखी है। सुखोई Su-30MKI के टायरों का उपयोग इस रथयात्रा को आधुनिकता और परंपरा का अनूठा संगम बनाता है। यह बदलाव न केवल रथ की मजबूती बढ़ाएगा, बल्कि भक्तों के उत्साह को भी दोगुना करेगा।


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