Jeffrey Epstein : जेफरी मर गया, अब ट्रंप को क्यों डर लग रहा

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Jeffrey Epstein जब शोहरत की बुलंदियों पर था, तो कौन नहीं था जिसने उसकी पार्टियों का आनंद न उठाया हो। लेकिन आज वही नाम अमेरिका में सबसे बदनाम है। uplive24.com पर पढ़िए उस शख्स की कहानी, जिसने अमेरिकी पॉलिटिक्स और ट्रंप का पीछा मौत के बाद भी नहीं छोड़ा।

जेफरी एपस्टीन... यह नाम फिर चर्चा में है। वजह है, जेफरी की पुरानी सहयोगी Ghislaine Maxwell की जेल से लिखी गई चिट्ठियां और Jeffrey Epstein के पुराने दस्तावेजों का सार्वजनिक होना, जिनमें कई नए व चौंकाने वाले नाम सामने आए हैं। 

हाल ही में एक अमेरिकी कोर्ट ने उन दस्तावेज़ों को डिक्रिप्ट किया है, जो Jeffrey Epstein के पुराने लॉगबुक्स, फ्लाइट रिकॉर्ड्स और प्राइवेट डायरी से जुड़े थे। इनमें नए बिजनेस लीडर्स, हॉलीवुड सेलेब्रिटीज और विदेशी नेताओं के नाम सामने आए हैं, जो पहले कभी जांच के दायरे में नहीं आए थे।

इसके अलावा, एक चर्चित डॉक्युमेंट्री सीरीज 'The Epstein Files: Secrets of the Elite' ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर तहलका मचा दिया है। इस सीरीज में कुछ ऐसे सीसीटीवी फुटेज और ईमेल बातचीत दिखाए गए हैं, जो एपस्टीन की मौत को लेकर फिर से संदेह खड़ा कर रहे हैं। 

खास बात है कि इस बार चर्चा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ-साथ एलन मस्क (Elon Musk) और एक अरबपति भारतीय कारोबारी का नाम भी वायरल हो रहा है। हालांकि किसी के खिलाफ अभी तक कोई कानूनी पुष्टि नहीं हुई है।

आखिर क्या है Jeffrey Epstein की कहानी?

एक ऐसा शख्स जिसे अमेरिका के हाई-सोसायटी गलियारों में अमीर, रसूखदार और रहस्यमयी कारोबारी के तौर पर जाना जाता था। उसके नाम के साथ जुड़ी थी निजी जेट, आलीशान द्वीप और सबसे चौंकाने वाली बात- नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी (sex trafficking of minors) का संगीन आरोप। लेकिन यह महज कोई आम आपराधिक केस नहीं था। यह मामला एक ऐसा जाल था जिसमें अमेरिकी राजनीति, कारोबार, रॉयल फैमिली, और हॉलीवुड की चमक-दमक से जुड़े बड़े नाम फंसते नजर आए।

Jeffrey Epstein की कहानी महज एक अपराध की नहीं, बल्कि पावर, पैसा और पाखंड के गठजोड़ की दास्तान है। उसका नाम पहली बार सुर्खियों में 2008 में आया, जब उसे यौन शोषण के मामले में सजा हुई। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उसे बेहद हल्की सजा मिली - केवल 13 महीने की जेल, जिसमें वह दिन में बाहर घूम भी सकता था। 

इस विशेष ट्रीटमेंट के पीछे कौन-कौन ताकतें थीं, यह आज भी रहस्य है। लेकिन असली भूचाल तब आया, जब 2019 में एपस्टीन को दोबारा गिरफ्तार किया गया और इस बार केस काफी बड़ा था - Sex Trafficking Ring चलाने का, जिसमें अमेरिका और ब्रिटेन के कई रसूखदार लोग शामिल बताए जा रहे थे।

ट्रंप से कनेक्शन

अब बात ट्रंप की। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और Jeffrey Epstein की दोस्ती 1990 के दशक से शुरू होती है। दोनों ने साथ में कई हाई-प्रोफाइल पार्टियों की मेजबानी की थी। ट्रंप ने खुद एक बार कहा था कि एपस्टीन बहुत मज़ेदार इंसान है और उसे सुंदर लड़कियों में दिलचस्पी है, कुछ तो बहुत कम उम्र की भी।

यह बयान बाद में ट्रंप के लिए बोझ बन गया। हालांकि जैसे ही एपस्टीन का नाम बड़े यौन शोषण रैकेट में आया, ट्रंप ने उससे किनारा कर लिया और दावा किया कि वह सालों पहले ही एपस्टीन से अलग हो गए थे। लेकिन कोर्ट दस्तावेजों और तस्वीरों में दोनों की नजदीकी को नकारना आसान नहीं था।

ट्रंप का नाम उस वक्त और गहराई से जुड़ा जब वर्जीनिया रॉबर्ट्स नाम की महिला ने कोर्ट में हलफनामा दिया कि एपस्टीन ने उसे ट्रंप समेत कई रसूखदार लोगों के सामने परोसा। हालांकि ट्रंप के वकीलों ने इस आरोप को झूठा और बेबुनियाद बताया। ट्रंप पर किसी भी तरह का आपराधिक मामला नहीं बना। लेकिन इस हलफनामे ने ट्रंप की छवि पर गहरा असर डाला, खासकर 2020 के चुनाव से पहले।

अब आते हैं Jeffrey Epstein की मौत पर

2019 में एपस्टीन जेल में मरा पाया गया - आधिकारिक रूप से आत्महत्या घोषित की गई। लेकिन ठीक उस वक्त जेल के सीसीटीवी कैमरे बंद थे, गार्ड सो गए थे और एपस्टीन को 'सुसाइड वॉच' से भी हटा दिया गया था। 

बस यहीं से शुरू होती है एक गहरी और गूढ़ साजिश की थ्योरी - Epstein Death Conspiracy Theory। कई लोगों का मानना है कि एपस्टीन को मारा गया ताकि वह अपने संपर्कों के नाम न उगल दे। इंटरनेट पर तो ट्रेंड करने लगा था - Epstein didn’t kill himself. 

इस थ्योरी ने अमेरिकी प्रशासन, न्याय व्यवस्था और पॉलिटिक्स पर आम लोगों का भरोसा डगमगाने लगा।

Jeffrey Epstein के केस ने अमेरिका की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स, दोनों पार्टियों के बड़े नामों के लिंक जब सामने आए, तो जनता को समझ आया कि यह मामला सिर्फ एक अपराधी का नहीं, बल्कि उस पूरे सिस्टम की पोल खोलता है जो पैसे और पॉवर के बल पर कानून को मोड़ सकता है। 

ट्रंप के अलावा, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू तक का नाम इस केस से जुड़ गया। हर किसी ने इन आरोपों से पल्ला झाड़ने की कोशिश की।

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